मौन-संवेदना

मौन-संवेदना

मौन-संवेदना की अभिव्यक्ति,
निश्छल एवं पवित्र....
कोयल की कू-कू से भी दूर...
बहुत दूर...
अदभुत एवं अविष्मार्निय,
बस....सार्थक, सहज एवं दर्शनिय।।

रुधिर मे बहार,
संभावनाओं का अहार,
अनिश्चित दीवार,
स्पर्श-रहित अधिकार,
सुनहरा संसार,
मानवता का हार,
बुद्ध का व्यवहार,
सरल दरबार,
स्पष्टता अपार,
दिव्यता का भार,
मौलिक संचार,
सम्प्रेषण का विचार,
अत्याधिक दरकार।।

-गौतम झा

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