चुप्पी

चुप्पी

चुप्पी

चुप्पी....अच्छी है।
अल्प है, फिर भी विशेष है,
स्वच्छ सब संदेश है।
कुछ छन का अवशेष है,
निराधार नहीं इसका भेष है।

चुभती है,
चिल्लाती है,
मगर कुछ बताती नहीं,
गंभीरता का आलम है,
लेकिन मन का बालम है।

-गौतम झा

Newsletter

Enter Name
Enter Email
Server Error!
Thank you for subscription.

Leave a Comment

1 Comments

  •  
    Gunja
    1 year ago

    गंभीरता का आलम है, लेकिन मन का बालम है.... Wow!

Other Posts

Categories